
Pahala Raja
(Paperback Edition)by JagdishChandraMathur
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जगदीशचन्द्र भासुर का नाम हिंदी नाट्य साहित्य आधुनिक और प्रयोगशील नाटककार के रूप में समादृत है, और पहला राजा उनकी में एक अविस्मरणीय नाट्यकृति के रूप में बहुचर्चित । पहला राजा की कथा एक पौराणिक आख्यान पर आधारित है, जिसमें प्रकृति और मनुष्य के बीच सनातन श्रम-संबंधों की महत्ता- को रेखांकित किया गया है । यह उन दिनों की कथा है जब आयो को भारत में आए बहुत दिन नहीं हुए थे और हड़प्पा-सभ्यता के आदि निवासियों से उनका संघर्ष चल रहा था । कहते हैं उन दिनों राजा नहीं थे, जब वेन-जैसे उद्दंड व्यक्ति के शव-मंथन से पू०- जैसा तेजस्वी पुरुष प्रकट हुआ और कालांतर में मुनियों द्वारा उसे पहला राजा घोषित किया गया । पृथु यानी पहला राजा । राजा, यानी जो लोकों और प्रजा का अनुरंजन करे । पृथु ने अपनी पात्रता सिद्ध की अर्थात् उसके हाथ धरती को समतल बनाकर उसे दोहनेवाले सिद्ध हुए । परिणामत: धरती को भी एक' नया नाम मिला-पृथ्वी! निश्चय ही यह एक अत्यंत चित्ताकर्षण और अर्थपूर्ण नाट्यकृति है ।
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More Information:
Publisher: Rajkamal Prakashan
Language: Hindi
Binding: Paperback
Pages: 116
ISBN: PR227