
Pratinidhi Kavitayen : Trilochan
(Paperback Edition)by Trilochan
Original price
Rs. 75.00
Current price
Rs. 60.00
* Eligible for Free Shipping
* 10 Days Easy Replacement Policy
* Additional 10% Saving with Reading Points
त्रिलोचन का काव्य-व्यक्तित्व लगभग पचास वर्षों के लम्बे काल-विस्तार में फैला हुआ है। परन्तु यह तथ्य कि वे हमारे समय के एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कवि हैं—लगभग एक अद्वितीय कवि—अभी पिछले कुछ वर्षों में उभर-कर सामने आया है और उनके प्रत्येक नए काव्य-संकलन के साथ और गहरा तथा और पुष्ट होता गया है। त्रिलोचन एक विषम धरातल वाले कवि हैं। साथ ही उनके रचनात्मक व्यक्तित्व में एक विचित्र विरोधाभास भी दिखाई पड़ता है। एक ओर यदि उनके यहाँ गाँव की धरती का-सा ऊबड़खाबड़पन दिखाई पड़ेगा तो दूसरी ओर कला की दृष्टि से एक अद्भुत क्लासिकी कसाव या अनुशासन भी। त्रिलोचन की सहज-सरल-सी प्रतीत होने वाली कविताओं को भी यदि ध्यान से देखा जाए तो उनकी तह में अनुभव की कई परते खुलती दिखाई पड़ेंगी। त्रिलोचन के यहाँ आत्मपरक कविताओं की संख्या बहुत अधिक है। अपने बारे में हिन्दी के शायद ही किसी कवि ने इतने रंगों में और इतनी कविताएँ लिखी हों। पर त्रिलोचन की आत्मपरक कविताएँ किसी भी स्तर पर आत्मग्रस्त कविताएँ नहीं हैं और यह उनकी गहरी यथार्थ-दृष्टि और कलात्मक क्षमता का सबसे बड़ा प्रमाण है। भाषा के प्रति त्रिलोचन एक बेहद सजग कवि हैं। त्रिलोचन की कविता में बोली के अपरिचित शब्द जितनी सहजता से आते हैं, कई बार संस्कृत के कठिन और लगभग प्रवाहच्युत शब्द भी उतनी ही सहजता से कविता में प्रवेश करते हैं और चुपचाप अपनी जगह बना लेते हैं।
Related Categories: Available Books Books Under ₹ 100 Hindi Books Indian Writing Literature & Fiction Newest Products Poetry
More Information:
Publisher: Rajkamal Prakashan
Language: Hindi
Binding: Paperback
Pages: 89
ISBN: 9788126702565